शुक्ला जी।
शुक्ला जी रेलवे में मेरे अफसर थे जब मैं सराधना था। बहुत दुबले पतले,अच्छे स्वभाव के, मेहनती और प्रेरित करने वाले।
एक बार हमें नयी लाईन ठोकर पर ढे़र सारी मिट्टी डालवानी थी।तगारी से, कच्ची लेबर से।कयी महीनों से काम चालू नहीं हो पा रहा था। साइडिंग बन्द पड़ी थी।
उन्होंने मुझसे बात की कितने क्यूबिक मीटर मिट्टी डालनी है और एक आदमी कितनी रोज डालेगा।कहा 2 लेबर लगा दो और उनको 4 क्यूबिक मी काम दे दो। करीब रोज़ एक बार चैक करो। मेरा मानना था 2महीने लगेंगे। असम्भव सा काम था।15 फीट ऊंचा था।
आश्चर्य की बात है कि 1.5 महीने में हो गया। शुक्ला जी का कहना था कि डरो मत प्रयास करो।
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