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Showing posts from January, 2018

उसकी कुछ मिनटों की मुलाकात मौत से।

मिट्टी ढ़हना ,दबना फिर बच निकलना व उसकी घबराहट क्या होती है यह नजदीक से देखा था।उस घटनाक्रम में मेरा एक पात्र होना मुझे आज भी याद है। मेहसाना से करीब 50 कि.मी.दूर रेलवे पुल 945.बारिश का मौसम।सितंबर1976.करीब तीन महीने के लिए मुझे पुल साईट पर ही रहने की सजा मिली थी।मुझे वांकानेर स्टेशन से भेजा गया था।मैं वहां जुनियर ईन्जीनियर के बतौर काम कर रहा था। पिछले साल अधिक बारिश में पुराना पुल बह गया था व कई दिनों तक ट्रेन बन्द रही थी।बाद में स्टील के पिंजरों पर गर्डर बाँधकर उस पर लकड़ी के स्लीपर व उस पर रेल बाँधकर  ट्रेन आहिस्ता चलाते थे।फिर पास में नया बेहतर ऊंचा और लम्बा पुल बनाया गया था।नए पुल के उपर गर्डर बारिश शुरू होने के बाद रखे गये थे। पुराने पुल को तोड़कर मलबा पूरा हटाया जा रहा था क्योंकि डाउन साईड पर था व नदी के बहाव को रोकता था। यह काम विभाग की कच्ची लेबर कर रही थी जो आई.ओ.डब्लू. के अधीन थी।मेरे लिए सुपरवाईज करना जरूरी नहीं था।वह पुल बडे़ पत्थरों से बना सालों पुराना था व ठोकर के अंदर मिट्टी भरी थी। नया पुल आर.सी.सी.का बेहतर था और उसके खम्भों पर नये मजबूत गर्डर रखे गये थे। उस दिन मैं

गरीब की खुशियों को भी नजर लगती है।

मैंने,गरीब की छोटी -2 खुशीयों को भी नजर लगते, करीब से देखा है।अतीत के उस घटनाक्रम में मैं भी एक पात्र था। करीब 15 साल पुरानी घटना है।अजमेर रेलवे स्टेशन।प्लेटफार्म एक।अहमदाबाद सिरा।दोपहर 5 का समय।अजमेर से मुम्बई जाने वाली ट्रेन का रैक तैयार खडा़ था।डीजल इंजन आगे अलग थोड़ी दूर तैयार खडा़ था,चालू, धड़धड़ाता हुआ।शन्टर-ड्राईवर व असिस्टेंट प्लेटफार्म बैंच पर आराम कर रहे थे।कम ट्रेनो की आवाजाही का समय था। कुछ गरीब बड़े बच्चे प्लेटफार्म पर मस्ती कर रहे थे।रेडियो पर जोर से बज रहे गाने पर डांस कर रहे थे।अतिसुन्दर। मैं रेलवे में सीनीयर सेक्शन ईन्जीनियर के पद पर था।मेरे अफसर सीनीयर डी.ई.एन.ट्रेन से आबूरोड तक इंसपेक्शन पर जाने वाले थे अतः मैं उन्हें छोड़ने प्लेटफार्म पर आ रहा था।जल्दी में था।सेकन्ड ए.सी.कोच जयपुर सिरे पर पीछे लगता था,वहां तक पहुंचना था। अचानक डांस करनेवाले एक लड़के का पाँव फिसला व वह फिसलकर करीब दस फुट दूर,प्लेटफार्म व धड़धड़ाते ईंजन के पहियों के बीच, बुरी तरह टकराता हुआ,गिरा।उसके शरीर पर कई ज़गह चोटें आई।अन्दर फंस गया। उसके एकदम पास मैं ही था अतः तुरन्त झुककर मैंने उसे अपने हाथ का सहा