Hamara Bajaj, yes I also had a Bajaj super scooter.Many times rode with my wife and daughter. Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 12, 2022 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
झिझक के पल। May 19, 2018 “झिझक के पल” के बारे में मुझे अगस्त 1979 में ठीक से पता चला।मैं उस समय भचाऊ ,कच्छ, गुजरात में नौकरी पर था। जुनियर ईन्जीनियर ट्रेक। 11-8-1979 को भचाऊ से करीबन 70 कि.मी.दूर मोरबी में मच्छू बा... Read more
डा.परमार,आंखों के सर्जन। भचाऊ कच्छ गुजरात। मृदुल स्वभाव। कुछ महीनों में ही उनसे पहचान हो गई।10 साल की कयी अच्छी यादें हैं। मुझे उन दिनों अंग्रेजी उपन्यास पढ़ने का शौक था। भचाऊ जैसी छोटी जगह पर कोई मिला।वे अहमदाबाद से पुराने उपन्यास थैला भरके लाते थे। पढ़ते थे और मुझे भी पढ़ने के लिए देते थे। उन्होंने ही मुझे फटे- पुराने उपन्यास पढना सिखाया।तब तक मैं नये महंगे खरीद कर पढ़ता था। मुझे इंडिया टूडे, रीडर्स डाइजेस्ट, फेमिना, खरीदने का शौक था जो मैं उन्हें देता था। पिताजी और पत्नी का इलाज भी उनसे करवाया था। अच्छे डाक्टर थे। प्रसिद्ध थे। जगन्नाथ भाई, वकील,डा.आचार्या, जेठालाल भाई, आदि शाम को मांडवी चौक में जगन्नाथ भाई की दुकान पर मिलते थे और अलग 2 विषयों पर चर्चा करते थे। बहुत ही यादगार दिन थे वो। April 10, 2023 Read more
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