करेला !

करेला बनायें पर उसे रहस्यमय बनाने के लिए धागे में लपेटें व साबुत भरवां मसालेदार बनाऐं।धागा ईतना सारा लपेटें कि खाने वाला उसे हटाने में उलझ जाएं। मसाला इतना न भुनें कि जल जाये। बारिश के ठंडे मौसम का फायदा उठाऐं।बाद में मिलने वाली आईसक्रीम का लालच देकर रखें। करेले पर कुछ दानें शक्कर के चिपका दें जिससे शुरूआत अच्छी हो।अपने रूप व मुस्कान का पूरा फायदा उठाएं।एक करेला खाने के बाद तो खाने वाले को आदत हो जायेगी।और आप की जीत।


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झिझक के पल।

जामुन ।करीबन् 25 साल पहले रेलवे में बाढ़ में लाईन बहुत खराब हो गई थी इसलिए मुझे भी गोवर्धन स्टेशन, मथुरा के पास, 17 दिन वेटिंग हाल में रहना पड़ा। काम करना पड़ा।आसपास जंगल में जामुन के कई पेड़ थे। ईलाके में हर गड़रिया एक प्लास्टिक थैली में जामुन लिए घूमता रहता था और खाता रहता था। एक दिन हमारी मेटेरियल ट्रेन मथुरा के बाहर खड़ी हो गई। ड्राईवर जानकार था बोला घंटों लगेंगे , आईये पास के पेड़ की छांव में बैठते हैं। वह पेड़ छोटे मीठे जामुन से लदा था। उसने उसे झझकोरा तो काफी पके जामुन निचे गिरे। मैंने जीवन में पहली बार इतने मीठे और इतने सारे जामुन एक बार में खाये। आज जामुन खाते समय याद आ गई। उस समय मेरा हेडक्वार्टर अजमेर था। गिलहरी और तोते भी थे और भरपेट जामुन खा रहे थे।

मैं बुद्ध न बन सका । मैंने विवाह किया, पत्नी की देखभाल और साथ निभाने की कसमें खाई। जीवन यापन के लिए नौकरी करनी पड़ी। कोशिश रही कि पूरी ईमानदारी से नौकरी करूं। इसी में सारा जीवन निकल गया। कोई दुख नहीं है।