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Showing posts from January, 2018

उसकी कुछ मिनटों की मुलाकात मौत से।

मिट्टी ढ़हना ,दबना फिर बच निकलना व उसकी घबराहट क्या होती है यह नजदीक से देखा था।उस घटनाक्रम में मेरा एक पात्र होना मुझे आज भी याद है। मेहसाना से करीब 50 कि.मी.दूर रेलवे पुल 945.बारि...

गरीब की खुशियों को भी नजर लगती है।

मैंने,गरीब की छोटी -2 खुशीयों को भी नजर लगते, करीब से देखा है।अतीत के उस घटनाक्रम में मैं भी एक पात्र था। करीब 15 साल पुरानी घटना है।अजमेर रेलवे स्टेशन।प्लेटफार्म एक।अहमदाबा...