दूधवाला । आज के जमाने मे भी गांव वाले अपनी भैंसों का दूध, घर 2 जाकर बेचते हैं। पुराने जमाने में साईकिल पर जाते थे, आज कल मोटरसाइकिल पर। आप देखिए इनके साफ सुथरे सफेद कपड़े, रोबदार साफा,मूछें ,साफ दूध के बर्तन,गहने। इनसे दूध खरीदने की बात ही कुछ और है।
“झिझक के पल” के बारे में मुझे अगस्त 1979 में ठीक से पता चला।मैं उस समय भचाऊ ,कच्छ, गुजरात में नौकरी पर था। जुनियर ईन्जीनियर ट्रेक। 11-8-1979 को भचाऊ से करीबन 70 कि.मी.दूर मोरबी में मच्छू बा...
पीतल के हण्डे शानदार हैं! 😊
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