यादें अच्छी। भचाऊ,कच्छ, गुजरात,1980 के आसपास। थोड़ा बड़ा गांव। रेल वे कोलोनी जीवन। एक लेबर/गैंगमैन मुर्गेशन ट्रांसफर होकर आया। बहुत बदमाश था। नौकरी में कोई रूचि नहीं थी। उसकी पत्नी इडली-सांभर बहुत अच्छा बना कर बेचती थी। ओर्डर देने पर और भी अच्छा, सफाई से बना कर भेजती थी। हम ने कई बार खाया, खासकर ईतवार को। भचाऊ गांव के हमारे प्रिय मित्र डा.आचार्य को भी खिलाया था। आज बेटी के हाथ की स्वादिष्ट ईडली खा कर याद आ गई।
“झिझक के पल” के बारे में मुझे अगस्त 1979 में ठीक से पता चला।मैं उस समय भचाऊ ,कच्छ, गुजरात में नौकरी पर था। जुनियर ईन्जीनियर ट्रेक। 11-8-1979 को भचाऊ से करीबन 70 कि.मी.दूर मोरबी में मच्छू बा...
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